October 1, 2022

Zones and Positions on Earth || World

            पृथ्वी गोल है इस बात के सवाल तो अभी तक भी ख़त्म नहीं हुए हैं| किन्तु इस पर पानी और धरती है इस बात को कोई भी झुठला नहीं सकता है और पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है यह बात भी सभी जानते हैं जिससे मानक समय का निर्धारण हुआ है| मानक जगह आप किसी भी स्थान से लें किन्तु यह वास्तव में निर्भर तो पृथ्वी के परिक्रमण पर ही करता है|
 
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            हम इस अध्याय में बात तो पृथ्वी के क्षेत्रों की ही करने वाले हैं| जैसे की पृथ्वी, जल, सूर्य और चंद्रमा से होने वाले परिवर्तन ही क्षेत्रों के वातावरण को निर्धारित करते हैं| पृथ्वी की कर्क रेखा, मकर रेखा, भूमध्य या विषुवत रेखा को तो आपने सुना ही होगा| आएये इनके बारे में एक एक करके पढ़ें|


पृथ्वी की रेखाएं

1. विषुवत रेखा (Equator):

                उपरोक्त चित्र के अनुसार पृथ्वी को दो भागों में बाँट दिया गया जिसका एक क्षेत्र उत्तरी भाग कहलाया और दूसरा क्षेत्र दक्षिणी भाग कहलाया| पृथ्वी के अध्ययन को भूगोल भी कहते हैं| भू का अर्थ होता है पृथ्वी और पृथ्वी की बीचों बीच खींची गयी रेखा भूमध्य रेखा कहलाई| यह एक आम भाषा का शब्द था, किन्तु भूगोल या Geography के सन्दर्भ में इसे विषुवत रेखा कहा गया| इसीलिए इसका नाम विषुवत रेखा पड़ गया जो 0० पर खींची गयी है | आप देखेंगे की भूमध्य शब्द से सम्बंधित एक सागर भी है जिसे भूमध्य सागर कहते हैं।

                विषुवत रेखा पर आने वाले सभी क्षेत्र अत्यधिक गर्म मिलेंगे क्योंकि वहां सूर्य लम्बवत चमकता है और साल में दो बार सीधे लम्बवत रहता है।

2. कर्क रेखा (Tropic of Cancer):

                यह रेखा भारत के बीचों बीच से गुजरती है और यह उत्तरी गोलार्ध में पड़ती है जिसकी चर्चा हम नीचे करने वाले हैं| यह पृथ्वी के 23.30० N झुकाव के कारण खीची गयी है| और इसी कारण हम यह जान पाते हैं की सूरज कहाँ से कहाँ स्थानांतरित होता रहता है| वास्तविकता में सूरज मकर रेखा से कर्क रेखा के मध्य सीधे/लम्बम्वत/Perpendicular चमकता है| तो 23.30० N पर जो रेखा खींची गयी वही कर्क रेखा कहलाई|

3. मकर रेखा (Tropic of Capricorn):

            यह रेखा आस्ट्रेलिया देश के बीचों बीच से गुजरती है जो पृथ्वी के 23.30० S झुकाव के कारण खीची गयी है किन्तु यह रेखा पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में पड़ती है| यहाँ पर आखरी स्थान है जहां सूर्य सीधे/लम्बम्वत/Perpendicular चमकता है| इसलिए 23.30० S पर जो दक्षिणी गोलार्ध में रेखा खींची गयी वही मकर रेखा कहलाई|

4. आर्क्टिक रेखा (Arctic Line):

            यह रेखा सबसे शीत क्षेत्र की रेखा है| इसके ऊपर की और चलें तो तापमान घटने लगेगा वो भी तेजी से| यहाँ जुलाई माह में भी तापमान 10०C तक हो जाता है| इसमें कुछ देशों के कुछ कुछ भाग ही शामिल होते है जैसे ग्रीनलैंड, कनाडा, रूस, USA, नोर्वे, स्वीडन, फ़िनलैंड आदि| यह रेखा 66.30० N पर खींची हुई है|

5. अन्टार्क्टिक रेखा (Antarctic Line):

            यह रेखा भी सबसे शीत क्षेत्र की रेखा है| इसके निचे की और चलें तो तापमान घटने लगेगा वो भी तेजी से| यहाँ सर्दियों में तापमान −89.2 °C तक हो जाता है| यह अब तक का दुनिया का सबसे ठंडा क्षेत्र व तापमान है| यह रेखा 66.30० S पर खींची हुई है|
 
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पृथ्वी के भौगोलिक क्षेत्र 

            जिस तरह पृथ्वी को हमने रेखाओं में बांटा हुआ है ठीक उसी प्रकार इसको क्षेत्रों के अनुसार भी बांटा हुआ है| जिससे सूर्य की स्थिति और उसके प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सके|


1. उष्ण कटिबंध (Torride zone):
            पृथ्वी के बीच में जो रेखा है उसे विषुवत रेखा कहा जाता है और यह वो क्षेत्र है जहां सूर्य सबसे ज्यादा चमकता है अर्थात गर्म रहता है| सूर्य सबसे ज्यादा गर्म तभी लगता है जब वो सीधा सर के ऊपर हो अर्थात लम्बवत हो| सूर्य विषुवत रेखा से उत्तर की ओर कर्क रेखा तक लम्बवत ही रहता है और दक्षिण में मकर रेखा तक लम्बवत रहता है| इसलिए यह सबसे गर्म क्षेत्र है और इसे Geography की भाषा में गर्म को उष्ण व क्षेत्र को कटिबंध कहते हैं इसलिए कर्क रेखा से मकर रेखा के मध्य का क्षेत्र उष्ण कटिबंध कहलाता है| यह पूरी पृथ्वी का सबसे गर्म क्षेत्र है|
            इस क्षेत्र को रेखाओं से देखें तो 23.30० N से 23.30० S तक के बीच का क्षेत्र है|

2. शीतोष्ण कटिबंध (Tempred zone):
            यह वह क्षेत्र है जहां पर सूर्य की किरणें सीधा न जाकर तिरछी जाती हैं जिससे यहाँ का तापमान में काफी कमी आ जाती है| इसके अमूमन दो क्षेत्र हैं एक तो कर्क रेखा से आर्क्टिक रेखा तक उत्तरी गोलार्ध में और दूसरा मकर रेखा से अंटार्कटिक रेखा तक दक्षिणी गोलार्ध में | इन दोनों क्षेत्रों में तापमान जुलाई माह में गर्म व दिसम्बर माह में अति शीत होता है इसलिए इसे शीत+उष्ण = शीतोष्ण कटिबंध कहा गया |
            इस क्षेत्र को रेखाओं से देखें तो इसमें 23.30० N से 66.30० N तक व 23.30० S से 66.30० S तक के बीच के क्षेत्रों को शामिल किया गया है|

3. शीत कटिबंध (Freezed zone):
            यह क्षेत्र 66.30० N से उत्तरी ध्रुव की ओर का क्षेत्र है और 66.30० S से दक्षिणी ध्रुव की ओर का क्षेत्र है| यह सबसे शीतल क्षेत्र है और दोनों क्षेत्रों में इसके दो भाग किये जाते हैं भाग 1 को टैगा कटिबंध कहा जाता है और भाग 2 को टुन्ड्रा कटिबंध/प्रदेश कहा जाता है इनमें से सबसे ज्यादा ठंडा टुन्ड्रा कटिबंध है| यहाँ सबसे कम जीव जंतु निवास करते हैं लगभग शून्य|
            ध्रुव से जब विषुवत की और बढ़ेंगे तो तापमान बढेगा और उसी प्रकार गरमी भी बढ़ेगी| विषुवत रेखा का क्षेत्र सबसे ज्यादा गर्म होगा, गर्मी होगी तो जल का वाष्पीकरण भी ज्यादा होगा, वाष्पीकरण ज्यादा होगा तो बादल बनेंगे और वर्षा भी होगी| इस क्षेत्र में रोज 2 से 4 के बीच वर्षा होती है| वर्षा अच्छी होगी तो पेड़ पौधे भी ज्यादा होंगे और वो भी चौड़ी पत्तीदार व लम्बे-पतले होंगे और साथ में शक्तिशाली भी होंगे| ये सब विषुवत रेखा की विशेषताएं हैं|


भारत के सन्दर्भ में 

    
        भारत देश की बात करें तो यह उत्तरी गोलार्ध के पूर्वी भाग में स्थित है और इसके 8 राज्यों से कर्क रेखा निकलती है अर्थात इसके निचे का क्षेत्र उष्ण कटिबंध में शामिल किया जाएगा| भारत में कर्क रेखा गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मिजोरम से होकर गुजरती है| इसी तरह भारत के निकटतम 14 शहरों से होकर गुजरती है जो रतलाम, उज्जैन, आगर , राजगढ़, सींहोर, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सागर, जबलपुर, कटनी, उमरिया, शहडोल हैं|



पृथ्वी से जुड़े कुछ अन्य पहलू 

    
            पृथ्वी पर कुल 7 महाद्वीप हैं किन्तु 2007 में एक दिन वैज्ञानिकों ने आठवां जीलैंडिया महाद्वीप खोज निकाला, किन्तु समस्या यह थी की वह महाद्वीप पूर्णतया जल में डूबा हुआ है इसलिए इसे गिनती में नहीं लिया गया| आएये एक नजर डालें इन मुख्य सात महाद्वीपों पर:

1. एशिया - इसे मानव सभ्यता का पालना कहा जाता है|
2. अफ्रिका - इसे मानव जाती का पालना व काला महाद्वीप भी कहा जता है|
3. उत्तरी अमेरिका - इसके सभी देश समुद्र को छोटे हैं|
4. दक्षिणी अमेरिका - इसे साँपों का महाद्वीप और पक्षियों का महाद्वीप भी कहा जाता है|
5. अन्टार्क्टिका - इसे सफ़ेद महाद्वीप, गतिशील महाद्वीप कहा जाता है| यहाँ पर कभी भी भूकंप नहीं आता है|
6. यूरोप - यहाँ एक भी रेगिस्तान या मरूस्थल नहीं है|
7. ओशिनिया - यहाँ एक भी ज्वालामुखी नहीं है| आस्ट्रेलिया इसका प्रसिद्ध देश है| यह सबसे छोटा महाद्वीप है| इसमें कुल चार देश शामिल हैं - माइक्रोनेशिया, मेलानेशिया, पोलिनेशिया व आस्ट्रेलिया है|


अन्य महत्वपूर्ण बिंदु

  1. द्वीप- किसी सागर या महा सागर के बीच मौजूद शुष्क भूमि या भूमि द्वीप कहलाती है जैसे- लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार।
  2. अन्तरीप- स्थल खण्ड की वह त्रिभुजाकार आकृति वाला छोटा क्षेत्र जो तीन ओर से जल से घिरा हो जो जल में बहुत दूर तक चली गया हो उसे अन्तरीप कहते हैं जैसे कुमारी अन्तरीप।
  3. प्रायद्वीप - एक ऐसा बड़ा क्षेत्र जो तीन ओर से जल से घिरा हो प्रायद्वीप कहलाता है| जैसे भारत देश|
  4. उपमहाद्वीप- द्वीप से बड़ी किन्तु महाद्वीप से छोटी भूमि खण्ड जो पहाड़ द्वारा कटा हुआ सा लगता है को उपमहाद्वीप कहते हैं जैसे भारतीय उपमहाद्वीप। भारत के नक़्शे को देखें तो पश्चिम में हिन्दुकुश, उत्तर में हिमालय और पूर्व में अराकाम पर्वत हैं जो एक दुसरे से जुड़कर भारत,पकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश को अलग करता है|
  5. महाद्वीप- महासागर में मौजूद विशाल स्थलखण्ड को महाद्वीप कहते हैं जैसे एशिया महाद्वीप।
  6. हिन्दुकुश पर्वत व हिमालय पर्वत जहां मिलते हैं उसे पामीर का पठार कहा जाता है और यह चीन में स्थित है|
  7. भारत को बर्मा से अलग करने वाला पर्वत अराकाम पर्वत है|


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