पुस्तकालय एक सामाजिक जन संस्था है जो निरंतर जन समाज में रहते हुए ज्ञानी और अज्ञानी को सामान रूप से ज्ञान वितरित करती है | इसका उद्देश्य सम्पूर्ण समाज को ज्ञान और शिक्षा के समन्वय के साथ प्रगति की और ले जाना है | इसीलिए आज इस भाग में हम NISCAIR से सम्बंधित भाग का वर्णन करने जा रहे है | अब यह क्यों और कैसे अस्तित्व में आया है ? तो इसे जानने के लिए निचे उल्लेखित लेख को अवश्य पढ़ें |
What is NISCAIR and INSDOC?
INSDOC का पूर्ण रूप Indian National Scientific Documentation Centre है | INSDOC की स्थापना UNESCO के सहयोग से 1952 में हुई थी | INSDOC का मुख्यालय नई दिल्ली में है और बैंगलोर, कलकत्ता और मद्रास में एक क्षेत्रीय केंद्र भी है।
NISCAIR का पूरा नाम National Institute of Science Communication and Information Resources है | इसका पुराना नाम INSDOC है | यह 30 सितंबर 2002 को राष्ट्रीय विज्ञान संचार संस्थान (NISCOM: National Institute of Science Communication) और भारतीय राष्ट्रीय वैज्ञानिक प्रलेखन केंद्र (INSDOC) के विलय के साथ अस्तित्व में आया।
INSDOC के सन्दर्भ में:
भारतीय राष्ट्रीय वैज्ञानिक प्रलेखन केंद्र (INSDOC) पुस्तकालय, प्रलेखन और सूचना विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सेवाओं और प्रणालियों से निपटने वाला एक प्रमुख संगठन है। यह वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR: Council of Scientific and Industrial Research) के तहत एक राष्ट्रीय प्रयोगशाला है जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सूचना और प्रलेखन सेवाएं प्रदान करती है तथा INSDOC ने CD-ROM से जानकारी प्राप्त करने की सुविधाओं के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक लाइब्रेरी डिवीजन की स्थापना की। INSDOC वैश्विक सूचना विनिमय लाने के लिए अन्य देशों के समकक्ष संस्थानों(IFLA,SAARC,FID) के साथ मिलकर काम करता है।
भारत में नेशनल अनुवाद सेवा(National translation service) भी इसी के द्वारा प्रदान की जाती है |
भारत में INSDOC ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास की सहायता से कनाडियन SDI निवेश द्वारा चयनात्मक सूचना प्रसार सेवा प्रारंभ किया है |
यह भी देखें: Five laws of Library Science
INSDOC से सम्बंधित क्षेत्र:
INSDOC के सक्षमता क्षेत्रों में शामिल हैं: लाइब्रेरी ऑटोमेशन, लाइब्रेरी नेटवर्क, कंप्यूटर नेटवर्किंग, इलेक्ट्रॉनिक लाइब्रेरी, सीडी-रोम नेटवर्किंग, डिज़ाइन और डेटाबेस का विकास, अंतर्राष्ट्रीय सूचना स्रोतों तक पहुँच, ऑन-लाइन सिस्टम, व्यवहार्यता अध्ययन और पुस्तकालय-सह-सूचना केंद्र डिज़ाइन, स्थापना और संचालन का प्रबंधन इत्यादि।
NISCAIR के सन्दर्भ में:
NISCAIR CSIR(Council of Scientific and Industrial Research) का भाग है | वर्तमान में CSIR-NISCAIR के निदेशक(Director) डॉ रंजन अग्रवाल है |
NISCAIR के मुख्य प्रकाशन में शामिल हैं:
(i) Indian science Abstracts (Sami monthly;1965),
(ii) Annals of Library and Information (Quarterly;1954)
NISCAIR से सम्बंधित अन्य बिंदु:
- TKDL - TKDL का पूरा नाम Traditional Knowledge Digital Library है और यह CSIR and AYUSH द्वारा विकसित किया गया है |
- NSDL - नेशनल साइंस डिजिटल लाइब्रेरी(NSDL) का उद्देश्य देश में विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के छात्रों को S&T की जानकारी प्रदान करना है।
- NUCSSI - नेशनल यूनियन कैटलॉग ऑफ साइंटिफिक सीरियल्स इन इंडिया (NUCSSI) पहला स्वदेशी डेटाबेस है जो जर्नल होल्डिंग्स तक जानकारी पहुंचने के लिए एक उपकरण के रूप में कार्य करता है। यह INSDOC(अब – NISCAIR) के द्वारा प्रकाशित किया जाता है |
- NOPR - NOPR का पूरा नाम NISCAIR Online Periodicals Repository है व इसके द्वारा Science Reporter (SR), Vigyan Pragati (VP) & Science Ki Duniya (SKD) and Natural Products and Repository (NPARR) जैसी लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका की मेजबानी की जाती है |
- Indian science Abstracts की प्रविष्टियां UDC की पद्धति के अनुसार ही व्यवस्थित होती है |
- सार्क(SAARC) देशों का निस्केयर में डॉक्यूमेंटेशन सेंटर 1985 वर्ष में स्थापित किया गया |
यह भी देखें: National Library of India (NLI)
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