September 25, 2022

What is GI Tag ?




GI टैग क्या होता है ?
            वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन (WIPO) के मुताबिक ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग लेबल होता है जिसमें प्रोडक्ट को विशेष भोगोलिक पहचान दी जाती है | ऐसा उत्पाद, जिसकी विशेषता या प्रतिष्ठा मुख्य रूप से प्राकृतिक व मानवीय कारकों पर निर्भर करती है | किसी भी क्षेत्र का जो क्षेत्रीय उत्पाद होता है उसी से उस क्षेत्र की पहचान होती है और उसकी ख्याति जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक फैलती है तो उसे प्रमाणित करने लिए जो प्रक्रिया अपनाई जाती है उसी को GI टैग कहा जाता है | GI टैग को औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण के लिए पेरिस समझोते के तहत बौधिक सम्पदा अधिकार के तत्व के रूप में शामिल किया गया |
            अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर GI टैग को WTO के व्यापार सम्बंधित सम्पदा अधिकारों के TRIPS (Trade Related Intellectual Property Rights) समझोते के तहत नियंत्रित किया जाता है |

GI टैग से क्या है फायदा ?
            GI टैग किसी क्षेत्रीय उत्पाद को पहचान दिलाने की एक प्रक्रिया है | इससे उस उत्पाद के मूल्य व उससे जुड़े लोगों की अहमियत बढ़ जाती है | इससे उस उत्पाद को एक अलग पहचान मिलती है |और इससे जुड़े लोगों को भी आर्थिक फायदा होता है | GI टैग मिलने के बाद कोई भी अन्य निर्माता सामान उत्पादों को बाजार में लाने के लिए नाम का दुरूपयोग नहीं कर सकता है |

भारत में शुरुआत कैसे हुई ?
            1999 संसद ने रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत GI लागू किया गया | फिर 2003 में Department of Industry Promotion And Internal Trade ने आवेदन मांगे | 2020 तक IPT को कुल 687 GI टैग आवेदन मिले हैं | 2004 में भारत की दार्जिलिंग चाय को सबसे पहला GI टैग मिला था | यह टैग अमूमन 10साल के लिए दिया जाता है | एक ही उत्पाद के लिए एक से अधिक राज्यों को GI टैग दिया जा सकता है | इनमें 365 वस्तुओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय GI टैग व 272 वस्तुओं को देश में GI टैग दिया गया है |

भारत में मुख्य रूप से चर्चित वस्तुएं जिनको मिला है GI टैग ?

  • दार्जिलिंग चाय         
  • कोल्हापुरी चप्पल       
  • नागपुर का संतरा              
  • हापुस आम
  • कश्मीरी केसर         
  • राजस्थानी कठपुतली    
  • कड़कनाथ मुर्गा               
  • तेलंगाना का तेलिया रुमाल
  • डिंडीगुल के ताले       
  • बनारसी साडी

शीर्ष 5 राज्यों में किसको मिला कितना GI टैग?

  • जम्मू कश्मीर – 42
  • उत्तर प्रदेश – 27
  • महाराष्ट्र – 30
  • तमिलनाडु – 36
  • केरल – 28

प्रमुख श्रेणियाँ जिनके उत्पादों को दिया गया GI टैग ?


  • हस्तकला – 210
  • कृषि – 111
  • विनिर्मित – 22
  • खाद्य पदार्थ – 20
  • प्राकृत – 02

राजस्थान के सन्दर्भ में GI टैग कहाँ तक पहुंचा ?
            राजस्थान राज्य ने इस क्षेत्र में काफी देरी से शुरुआत की किन्तु अब वह तेजी से टैग दिलवाने में जुटा हुआ है | राज्य को सबसे पहला टैग सितम्बर 2021 में प्रसिद्ध सोजत की मेहंदी को मिला | अब तक राजस्थान की 12 वस्तुओं को GI टैग दिया जा चुका है जिसमें ब्लू पॉटरी, फुलकारी, मोलेला मिटटी आदि शामिल हैं |


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