August 26, 2023

Library to promote your features

 


            Library Science अपने आप में एक बहुत बड़ा विषय है जिसे आप चाहें तो भी नकार नहीं सकते| इतिहास गवाह है की किताबों ने सदा हमारा विकास करने में ही मदद की है| आप जितना ज्ञान इकठ्ठा करते हो वो सारा का सारा ज्ञान आपके मस्तिष्क में Store रहता है उसे भी लाइब्रेरी ही कहते हैं| जब आपको किसी बात का जवाब देना होता है तो आप अपने दिमाग में उससे सम्बंधित stored library files से जानकारी इकठ्ठा करके जवाब दे देते हैं| ये भी एक तरह की लाइब्रेरी ही तो है| भले ही हम किसी बात को नजर अंदाज कर दें किन्तु जब से आपने जन्म लिया है लाइब्रेरी का सम्बन्ध आपसे तब से ही रहा है| आपके सभी पूर्वजों का भी रहा है| सरकार अगर इस बारें में कुछ विचार कर रही है तो हमारे दिमाग की लाइब्रेरी को बढाने के लिए ये एक अच्छा ही कदम होगा| कुछ भी पढने समझने के लिए आधारभूत ज्ञान का होना अति आवश्यक है| जैसे भाषा सीखने के लिए व्याकरण या Grammar का ज्ञान बहुत ही आवश्यक है ठीक वैसे ही हमें यह सीखना होगा की कौन सी किताबें हमारे हित में रहेगी और उसी को लाइब्रेरियन कहते हैं|

            अभी 2 दिन पहले ही खबर पढ़ी की उत्तराखंड में heavy rainfall के कारण पढाई बाधित हो गयी है| बच्चों के स्कूल बंद हो गए हैं| ये सब इसी साल नहीं हुआ है, यह हर साल होता है| अनुमानित है की एक स्कूल में सामान्यत: 365 में से 182 दिन ही पढाई हो पाती है| अगर उत्तराखंड जैसे इलाकों की बात करें तो 100 दिन भी मुश्किल से पढ़ पातें हैं| इसलिए इनकी ओर ध्यान देना सरकार की अधिक जिम्मेदारी है| वहाँ पर इस समस्या के समाधान हेतु एक Horse Library चलाई जा रही है| सुनने में बड़ा अजीब लगता है| किन्तु Mobile Library Concept तो बहुत पहले से चला आ रहा है| अभी यहाँ घोड़े पर किताबें लाद कर बच्चों व अन्य लोगों तक भी पहुंचाई जा रही है| और इन सब में जो मुख्य बात है की आने वाली पीढ़ी का विकास हो जाए| ये सब अब हमारी ही तो जिम्मेदारी है| अभी वर्तमान समय में हुए एक सम्मलेन में सरकार ने Physical व Digital Library की बात राखी| ताकि हर घर पर अपनी ही एक लाइब्रेरी हो|

            देखा जाए तो अन्य विकसित देशों की तुलना में हमें अभी शिक्षा पर और ध्यान देने की जरूरत है ताकि शिक्षा के स्तर को बढ़ाया जा सके| आने वाले पीढ़ी शिक्षा के महत्त्व को समझे| हर घर, हर गाँव, हर ब्लाक स्तर पर भी लाइब्रेरी हो| सरकार ने हर गाँव में एक लाइब्रेरी खोलने का निर्णय भी लिया है और यह लाइब्रेरी विकास की और एक उत्तम कदम है|

 

"पुस्तकालय विकास की वो सीढ़ी है जिससे स्वयं के ज्ञान की सीमा को बढ़ाया जा सके और समाज के कुखंडों को समाप्त किया जा सके|"

 

1. बुद्धि का विकास: लाइब्रेरी के उपयोग से हम ज्ञान के उच्चतम स्तर का विकास कर सकते हैं| e-library ने हमारे ज्ञान को बढाने में ही मदद की है| उत्तरखंड के लिए घोडा लाइब्रेरी एक अनूठा ही विचार है और कारगर भी है| बुद्धि के विकास में किताबें सदा से मित्र ही रही है| 

 

2. पढने की आदत: इससे पढने की आदत मे भी सुधार होता है| किताबों में ज्ञान का वो खजाना छुपा है जिसे पाने के लिए आदमी सदा तैयार ही रहा है| किन्तु संसाधनों की समस्या सदा बनी रही| लाइब्रेरी में किताबें, समय की बचत, वातावरण, जिज्ञासा, सवालों के जवाब आदि अनेको विषयों में मदद मिली है| हमारी  पढने की आदत से बच्चे भी सीखते हैं और अपने बचे हुए समय का सही उपयोग भी सीखते हैं| 

 

3. किताबों को बढ़ावा देना: यह बात तो सत्य है की किताबों से सम्बन्ध पुराना ही रहा है| जब किताबों ने हमारे पुरखों की मदद की है तो वो हमारी भी मदद जरूर करेंगी| कितने प्राचीन ग्रन्थ हमारे यहाँ लिखे गए है| सब के सब उच्च कोटि के ग्रन्थ हैं| इसलिए किताबों का विकास भी हमारी ही जिम्मेदारी है| जब आप लाइब्रेरी का इतिहास पढेंगे तो पायेंगे की लाइब्रेरी को चलाने के लिए कुछ विद्वान किताबों को साइकिल पर रखकर लोगों तक पहुंचाते थे| अब हमारे पास संसाधनों की कमी भी नहीं है| फिर भी हमें इसके उच्च स्तर के बारे में सोचना ही होगा|

 

4. दूरदराज के इलाकों तक पहुंच: किताबों को अगर सम्पूर्ण भारत तक पहुँचाना है तो दूरदराज के इलाकों के बारे में भी सोचना हमारी जिम्मेदारी है| श्री रंगनाथन जी के प्रथम सूत्र के अनुसार "पुस्तकें उपयोगार्थ हैं" को पहले पूर्ण करना होगा| बाकी चार सूत्रों की पूर्ती प्रथम सूत्र पर ही टिकी हुई है| पुस्तकें सभी की उपयोग के लिए है| इसमें गरीब, अमीर, वर्ण से दूर, बीमार, विकलांग, कैदी आदि अनेको तरह के लोग जिनके बारें में लाइब्रेरी सदा से सामान ही रही है| बस इसी सोच के साथ हमें इन किताबों को दूरदराज के इलाकों तक भी पहुंचाना है|

 

5. मोबाइल लाइब्रेरी सिस्टम (Mobile Library System): मोबाइल लाइब्रेरी प्रणाली का भी विकास अब जोरों से बढ़ रहा है| एक कार एक क्षेत्र के चौराहे पर जाकर खड़ी हो जाती है और शाम तक वहीँ रहती है| जिन लोगों को किताबें खरीदनी हो खरीद सकता है, पढनी हो वहीँ बैठकर पढ़ सकता है, किराए पर चाहिए तो एक सप्ताह तक के लिए किराए पर मिल जाती है| शाम को सभी किताबें इकट्ठी कर चली जाती है और अगले सप्ताह फिर लौट आती है| शुरू में इसका कोई ख़ास प्रभाव तो नहीं पडा लेकिन धीरे धीरे इसनें भी काफी विकास किया है| और अब यही रणनीति उतराखंड में भी अपनाई जा रही है| जो बहुत सुभ समाचार है|

 

6. पुस्तकों के प्रकार: मैंने कहा था की श्री रंगनाथन जी के प्रथम सूत्र के अनुसार "पुस्तकें उपयोगार्थ हैं" को पहले पूर्ण करना होगा| इसी के बाद ही पुस्तकों के चयन की बात आती है| वहां पर लोगों को कौन सी किताबें अच्छी लगती हैं और अगले सप्ताह के लिए कौन सी किताबें चाहिए| किताबों के प्रकार का सही चयन भी लोगों को या कहें की पाठकों को आकर्षित करता है| कभी कभी किताबों के प्रकार में हुए गलत चुनाव से निराशा भी हाथ लगती है| किन्तु  श्री रंगनाथन जी के दुसरे और तीसरे सूत्र के अनुसार पुस्तकें पाठक के अनुसार हो| ताकि पाठकों को उनकी जरूरत की पुस्तकें मिल सकें| साथ ही सभी उपलब्ध पुस्तकों को उनका पाठक दिलाना भी जिम्मेदारी ही है| सही चयन से समय भी बचता है| 

   

            इन सभी विषयों पर विचारने और अपनाने से मनुष्य की आदतों और विकास में बहुत बदलाव देखने को मिले हैं| अब जब आप सब यह लेख पढ़ रहे हैं तो आप भी एक छोटी सी जिम्मेदारी लीजिये| एक शुरुआत कीजिये| यदि बाहर अभी संभव नहीं है तो घर पर ही कीजिये| रोज या सप्ताह में एक समय निकालिए और कोई भी जो आपको पसंद हो उस पुस्तक का चयन करें| घर के सभी सदस्यों को एक जगह एकत्र कर उन्हें वो किताब पढ़कर सुनाएं | ताकि बच्चे भी ये सीख सकें और घर में एकता, समर्पण, वाचन सुधार, शुद्ध शैली, सहयोग, विचार विमर्श, सही गलत में अंतर आदि अनेक आदतों में सुधार किया जा सके और इसके होने की 100% गारंटी है| तब जाकर यहीं से "हर घर लाइब्रेरी" की शुरुआत होगी|




August 22, 2023

Computer Terminologies -1


Computer Terminologies are related words or a group of words that have it's own separate definitions. So now we are discussing Basic but important Computer Terminologies.


  1. Access control: इसके द्वारा अनाधिकृत उपयोगकर्ता को सूचना तक पहुंचने से रोका जा सकता है। यह वास्तव मे एक विधि है जिसके द्वारा सूचना एवं संसाधनों को सुरक्षा प्रदान की जाती है।
  2. Accessary: प्रोसेसिंग के लिए सहायक ये कम्प्यूटर में प्रयुक्त सहायक संसाधन हैं। इन्हें सहायक यंत्र भी कहा जाता है। उदाहरण- स्कैनर, फ्लॉपी डिस्क, वेब कैमरा इत्यादि । 
  3. Access Time: जब उपयोगकर्ता कोई डाटा प्राप्त करने के लिए मेमोरी समय को निर्देश देता है तो निर्देश देने और डाटा प्राप्त होने की बीच का Access Time कहलाता है। 
  4. Accumulator: प्रोसेसिंग के दौराना डाटा एवं निर्देशों को भण्डारित करने वाला एक रजिस्टर है। 
  5. Active Device: विद्युत प्रवाह द्वारा कार्य संपादित किए जाने के लिए प्रयुक्त उपकरण।
  6. Active Window : उपयोगकर्ता द्वारा वर्तमान में इस्तेमाल किया जाने वाला सक्रिय Window ही Active Window है।
  7. Adapter: दो या अधिक उपकरणों या संसाधनों के बीच सामंजस्य के लिए प्रयुक्त किये जाने वाला एक Device
  8. Address: डाटा की स्थिति को बतलाने वाला पहचान चिन्ह जो कम्प्यूटर की मेमोरी में उपस्थित रहता है।
  9. Alogrithm: कम्प्यूटर को दिए जाने वाले अनुदेशों का क्रम जो किसी कार्य को पूरा करते हैं।
  10. Alignment: लिखित डाक्यूमेंट में Paragraph को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया Alignment कहलाती है। इसे Ctrl+L,E,R,J की सहायता से Adjust किया जाता है |
  11. Analog Computer: वह कम्प्यूटर जो Analog Data का इस्तेमाल करता है।
  12. Animation: स्थिर चित्रों को एक-एक कर इस तरह से प्रदर्शित करना कि उनमें गतिशीलता का आभास हो।
  13. Antivirus: ऐसा प्रोग्राम या निर्देशों का समूह जो कम्प्यूटर को virus से बचाता है।
  14. Application Logic Unit (ALU): CPU (Central Processing Unit) का भाग जो Artithmatic एवं Logical प्रक्रियाओं को पूरा करता है। 
  15. Artifical Intelligence: कम्प्यूटर में मानव जैसे सोचने, समझने, तर्क व विश्लेषण करने की क्षमता का विकास ही Artificial intelligence कहलाता है।
  16. ASCII (American Standard Code for Information Interchange): यह एक प्रचलित कोड है जिसके द्वारा अक्षरों एवं संख्याओं को 8 बिट बाइनरी तुल्यांक में प्रदर्शित किया जाता है।
  17. Assemble: विभिन्न पुर्जों तथा भागों को जोड़कर एक मशीन का निर्माण करने कि क्रिया ही Assemble कहलाती है।
  18. Assembler: असेम्बली भाषा को मशीनी भाषा में परिवर्तित करने वाला कम्प्यूटर प्रोग्राम।
  19. Assembly Language: कम्प्यूटर में प्रयुक्त होने वाली एक भाषा जिसमें अक्षरों तथा अंकों को छोटे-छोटे कोड में लिखा जाता है। 
  20. Asynchronous: जब डाटा को अनियमित अंतराल पर अपनी सुविधानुसार भेजा जाता है तब डाटा भेजने की यह पद्धति Asynchronous कहलाती है।
  21. Authentication: वह पद्धति जिसके द्वार कम्प्यूटर प्रयोगकर्ता वैद्यता की पहचान की जाती है।
  22. Automation : यह किसी डाटा या सूचना के स्वत: प्रोसेस होने की प्रक्रिया है।
  23. Auxillary Memory: यह प्राथमिक मेमोरी के सहायक रूप में 'प्रयुक्त होती है और प्राथमिक मेमोरी से अधिक क्षमता वाली होती है। इसे द्वितीयक मेमोरी भी कहा जाता है।
  24. Backbone: अन्य कम्प्यूटरों को जोड़ने के लिए प्रयुक्त कम्प्यूटर नेटवर्क की मुख्य लाइन को कहते हैं।
  25. Background Processing: जब कम्प्यूटर द्वारा उच्च प्राथमिकता वाले प्रोग्राम प्रोसेसर के प्रयोग की जगह निम्न प्राथमिकता वाले प्रोग्राम का क्रियान्वयन किया जा रहा हो।
  26. Backup : यह किसी प्रोग्राम डाटा, हार्डवेयर की वैकल्पिक व्यवस्था है जो कम्प्यूटर के मुख्य संसाधन के खराब होने की स्थिति में प्रयुक्त किये जाते हैं। इस व्यवस्था में प्रोग्राम, डाटा इत्यादि की अतिरिक्त कॉपियां निर्मित की जाती हैं।
  27. Basic: यह Beginner's All-purpouse Symbolic Instruction Code का संक्षिप्त रूप है। यह एक अत्यन्त सरल उपयोगी उच्च स्तरीय भाषा है।
  28. Band width: डाटा ट्रांसमिशन में प्रयोग होने वाली आवृति की उच्चतम सीमा तथा निम्नतम सीमा के बीच के अंतर को Band width कहते हैं। इसकी माप बिट्स प्रति सेकेण्ड द्वारा की जाती है।
  29. Bar code: Alphanumeric डाटा को व्यक्त करने वाली विभिन्न चौड़ाई की अर्ध्वाधार (Vertical) पट्टियां होती हैं। Bar code किसी उत्पादन के कोड को इंगित करती है। 
  30. Biochip: Bio-technology पर आधारित चिप जो सिलिकॉन की बनी होती है। 
  31. Bad sector: Storage Device में वह खराब स्थान जिसे डाटा लिखने या पढ़ने में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, Bad sector कहलाता है।
  32. Batch File: डॉस (Dos) ऑपरेटिंग सिस्टम में स्वंय संपादित होने वाले प्रोग्रामों के फाइल को कहते हैं।
  33. Batch Processing: अनेक प्रोग्रामों के समूह की स्थिति में एक के बाद एक फाइलों का स्वतः संपादन, बैच प्रोसेसिंग कहलाता है। 
  34. Blog: यह weblog से बना है। यह किसी व्यक्ति द्वारा निर्मित वेबसाइट है जिस पर वह अपने विचार अनुभव या जानकारी रख सकता है और इसे पढ़ने वाला अन्य व्यक्ति भी इस पर अपनी राय दे सकता है।
  35. Bernoulli Disk: एक मैग्नेटिक डिस्क जो डाटा भण्डारण के लिए प्रयुक्त होती है। इसमें रोड और राइट दोनों ही सुविधा रहती है। 
  36. Blinking: किसी बिन्दु पर कर्सर की उपस्थिति का दर्शाने की स्थिति। 
  37. Biometric Device: वह डिवाइस जो किसी व्यक्ति के भौतिक गुणों तथा आवाज, फिंगर प्रिंट, आंखों की रेटिना, हस्तरेखा आदि के आधार पर उसकी पहचान स्थापित करता है।
  38. Bitmap: रेखाचित्र जिसे डॉट (pixels) को ऑन और ऑफ करने के माध्यम से दिखाया जाता है।
  39. Boolean Algebra : बीजगणित जो बाइनरी संख्या पद्धति पर आधारित है। इसका प्रयोग कम्प्यूटर सर्किट को सरल बनाने में किया जाता है।
  40. Booting: यह एक प्रक्रिया है जिसमें कम्प्यूटर को चालू किए जाने पर ऑपरेटिंग सिस्टम को द्वितीयक मेमोरी से प्राथमिक मेमोरी में लाया जाता है ताकि कम्प्यूटर को प्रयोग के लिए तैयार किया जा सके।
  41. Browse: इंटरनेट पर किसी वेबसाइट को खोजना ब्राउज करना कहलाता है। Browser: एक सॉफ्टवेयर जिसके द्वारा इंटरनेट पर अपनी मनपसंद वेबसाइट को खोजा जाता है और सूचना प्राप्त की जाती है।
  42. Bridge Ware: एक सॉफ्टवेयर जिसके द्वारा विभिन्न प्रकार के कम्प्यूटरों के मध्य सामंजस्य स्थापित किया जाता है। 
  43. Bug: कम्प्यूटर प्रोग्रामों में उत्पन्न एक प्रकार का error है जिसे हटाने की प्रक्रिया Debug कहलाती है।
  44. Bubble Memory: चुम्बकीय माध्यमों का प्रयोग कर डाटा को स्टोर की गयी मेमोरी।
  45. Buffer: एक डाटा भण्डारण डिवाइस जिसमें डाटा को अस्थायी तौर। पर रखा जाता है और जिसे कम्प्यूटर के विभिन्न उपकरणों के बीच डाटा स्थानान्तरण की गति में अंतर को कम करने के लिए बनाया गया है।
  46. Burning: यह एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा Compact Disk में डेटा लिखा जाता है |
  47. Blue Tooth: एक कम आवृति वाला रेडियो ट्रांसमीटर है जिसका प्रयोग कर मोबाइल के जरिए कम्प्यूटर को नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है या मोबाइल - मोबाइल को जोड़ा जा सकता है और सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है।
  48. Carrier: एक माध्यम है जो डाटा ट्रांसफर के लिए प्रयोग किया जाता है। Cache Memory छोटी सेमी कंडक्टर मेमोरी जिसकी उच्च गति होती है ताकि प्रोसेसिंग की गति बढ़ाई जा सके। इसमें डाटा को क्रियान्वयन के पूर्व रखा जाता है।
  49. CD Rom (Compact Disk Read only Memory): धातु की बनी एक भंडारण डिस्क जिसमें सूचनाओं एवं डाटा को एक बार लिखा जाता है पर बार-बार पढ़ा जा सकता है। सामान्यत: इसकी क्षमता 700 मेगाबाइट होती है।
  50. CD-R/W (Compact Disk - Real / Writer): यह बार-बार डाटा लिखा तथा पढ़ा जाने वाला एक प्रकाशीय भण्डारण (Optical Storage) युक्ति (Device) है।
  51. CR-R (Compact Disk Recordable): एक स्टोरेज डिवाइस है जिसमें स्टोर डाटा को केवल पढ़ा जा सकता है पर उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। 
  52. CD Rom Juke Box: एक स्टोरेज डिवाइस है जिसकी भंडारण क्षमता अधिक होती है क्योंकि इसमें कई CD Rom तथा डिस्क ड्राइव को मिलाकर एक यूनिट का निर्माण किया जाता है।
  53. CPU (Central Processing Unit ) : यह कम्प्यूटर का दिमाग (Brain) कहलाता है जो कंट्रोल यूनिट (CU), मेमोरी तथा अरिथमैटिक लॉजिक यूनिट से मिलकर बना होता है। इसी भाग द्वारा कम्प्यूटर में होने वाली सभी क्रियाओं की प्रोसेसिंग होती है।
  54. Character Map : अक्षरों तथा अंको के समूह को दर्शाने वाला प्रोग्राम Character Map कहलाता है।
  55. Channel Capacity: यह चैनलों की अधिकतम संख्या है जो डाटा ट्रांसफॉर्मर में प्रयुक्त उपकरणों का उपयोग कर चलायी जा सकती है। 
  56. Character Pitch: यह एक पंक्ति में कुल कैरेक्टर की संख्या को व्यक्त करता है। 
  57. Check Box: विण्डोज का एक प्रोग्राम जिसके द्वारा किसी कार्य को क्लिक कर उसे सक्रिय अथवा निष्क्रिय किया जाता है। यह वास्तव में ग्राफिक यूजर इंटरफेस (GUI) में प्रयुक्त होता है।
  58. Cladding: यह ऑप्टिकल फाइल के ऊपर लगायी गयी एक अवरोधक सतह होती है।
  59. Client Computer: नेटवर्क में जो कम्प्यूटर सर्वर (Server) को सेवा प्रदान करता है उसे Client Computer कहते है।
  60. Clip Board: कॉपी (Copy) किए गए तथा कट (Cut) किए गए डाटा को जिस आरक्षित स्थान पर मेमोरी में रखा जाता है, उसे Clip Board कहा जाता है। 
  61. Clip Art: कम्प्यूटर में उपस्थित रेखाचित्रों का संग्रह Clip Art कहलाता है।
  62. Coaxial Cable: एक विशेष तार जिसमें एक केन्द्रीय तार होता है और चारों तरफ पतले तारों की जाली होती है जिसका प्रयोग डाटा ट्रांसफर के लिए होता है।
  63. Cold Boot: निर्धारित नियमों के अनुसार की-बोर्ड की सहायता से कार्य सम्पन्न करने की विधि (कम्प्यूटर का बंद करना अथवा चालू करना) Cold Boot कहलाता है।
  64. Cold Fault: कम्प्यूटर पर कार्य संपादन के दौरान कई बार दोष उत्पन हो जाता है जो कम्प्यूटर को ऑफ कर दोबारा ऑन करने पर स्वतः समाप्त हो जाता है, जिसे Cold Fault कहा जाता है। 
  65. Component: विभिन्न पुर्जे जो कम्प्यूटर के निर्माण तथा यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software) के अन्तर्गत प्रयुक्त होते हैं, Component कहलाते हैं।
  66. Compile: उच्चस्तरीय भाषा को निम्न स्तरीय भाषा में परिर्वन करने के लिए क्रिया को Compile कहते हैं। और जिस डिवाइस द्वारा ऐसा किया जाता है उसे Compiler कहा जाता है। 
  67. Command: किसी कार्य को संपन्न करने हेतु कम्प्यूटर को दिया गया निर्देश, कमाण्ड (Command) कहलाता है। 
  68. Common Carriers: एक संस्था, आमतौर पर जिसका प्रयोग डाटा ट्रांसमिशन की सुविधा हेतु किया जाता है। 
  69. Compatible: कार्य सुचारू रूप से संपादित किया जा सके इसके लिए कम्प्यूटर के विभिन्न संसाधनों का आपस में सामजस्य (तालमेल) बिठाना ही Compatible कहलाता है।
  70. Communication Protocol: नियमों एवं क्रियाओं का समूह जो 'डाटा ट्रांसमिशन को सरल एवं सुविधाजनक बनाते हैं communication Protocol कहलाते हैं।
  71. Com Port (Communication Port): कम्प्यूटर में बना सॉकेट जिसमें चाहरी उपकरण यथा मॉडेम, माउस आदि को जोड़ा जाता है।
  72. Computer Aided Manufacturing (CAM): प्रबंधन, नियंत्रण, उत्पादन में कम्प्यूटर का प्रयोग CAM कहलाता है। 
  73. Computer Literacy : कम्प्यूटर तथा उसके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की जानकारी होना Computer Literacy कहलाता है।
  74. Computer Network: दो या दो से अधिक कम्प्यूटर को एक साथ जोड़ना ताकि उसके द्वारा डाटा ट्रांसमिशन व संसाधनों में साझेदारी किया जा सके।
  75. Console: यह एक टर्मिनल है जो मुख्य कम्प्यूटर से जुड़ा होता है तथा कम्प्यूटर के क्रियाकलापों पर नियंत्रण रखता है।
  76. Control Panel: यह विभिन्न बटनों से युक्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का एक हिस्सा है जिससे उपकरण को विभिन्न कार्य हेतु दिशा निर्देश दिया जाता है। 
  77. Control Unit: यह CPU का एक भाग होता है जो कम्प्यूटर के उपकरणों, उसके द्वारा किये गए कार्यों के नियंत्रण एवं समन्वय का कार्य करता है।
  78. Counter : यह एक उपकरण है जो किसी कार्य की संख्या को रिकार्ड करता है और कार्य होने पर 1 अंक घटता या बढ़ता है।
  79. Corel Draw: एक सॉफ्टवेयर जिसका प्रयोग डेस्कटॉप पब्लिशिंग में डिजाइन तैयार करने के लिए किया जाता है। 
  80. Crash : हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर में आई खराबी जिसकी वजह से X कम्प्यूटर अचानक कार्य करना बंद कर देता है। 
  81. Cursor Control Key: कर्सर को नियंत्रित करने वाला की-बोर्ड पर उपस्थित बटन।
  82. Cryptography: यह सामान्य सूचना को सांकेतिक codes में बदलना ताकि वह सुरक्षित रहे। और पुनः सांकेतिक code या Passwords को सामान्य सूचना में परिवर्तित करना Cryptography कहलाता है।
  83. Cyber Space: कम्प्यूटर के विश्व स्तरीय इंटरनेट नेटवर्क को Cyber space कहा जाता है।
  84. Cylinder: यह एक साथ पढ़े जा सकने योग्य किसी डिस्क पैक में दो या दो से अधिक ट्रैकों का समूह होता है।
  85. Data: तथ्यों, सूचना एवं निर्देशों का समूह जिसे आवयश्कतानुसार कार्य करने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है।
  86. Database: किसी एक स्थान पर बहुत से डाटाओं का संग्रह जिनमें किसी विषय से संबंधित लगभग सभी डाटा रहते हैं और जिससे कम्प्यूटर के स्क्रीन पर वांछित सूचना प्राप्त की जा सकती है, Database कहलाता है।
  87. Data Entry: कम्प्यूटर में डाटा को प्रवेश कराना अथवा संग्रहीत करना डाटा एन्ट्री कहलाता है। 
  88. Data Processing: डाटा को व्यवस्थित करना और उससे किसी प्रकार का आउटपुट प्राप्त करना Data Processing कहलाता है।
  89. Data Redundancy: एक ही डाटा को कम्प्यूटर में एक से अधिक बार अलग-अलग नामों से Save करना ही Data Redundancy कहलाता है। इसे हम Data Duplication भी कह सकते हैं|
  90. Data Transfer Rate: डाटा का एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर तथा कम्प्यूटर के सहायक मेमोरी से मुख्य मेमोरी में ट्रांसफर की दर Data Transfer Rate कहलाता है।
  91. Daughter Board: छोटा प्रिंटेड सर्किट बोर्ड जो Main Board के साथ सहायक रूप से जुड़ा होता है Daughter Board कहलाता है। 
  92. Debugging: कम्प्यूटर के किसी डाटा या प्रोग्राम में उत्पन्न Error (त्रुटि) को ढूंढ कर उसमें सुधार करना Debugging कहलाता है और ऐसा कार्य करने वाले सॉफ्टवेयर को Debugger कहते हैं।
  93. Decision Box: यह फ्लोचार्ट बनाने में प्रयुक्त होता है जिसमें दो या अधिक में से एक निर्णय लेना होता है। इसके अंतर्गत 'हां' और 'ना' के रूप में दो Condition होती हैं जिनमें से एक का चुनाव करना होता है।
  94. Decision Logic : किसी प्रोग्राम लॉजिक में दो या अधिक विकल्पों में से किसी एक विकल्प को चुनना Decision Logic कहलाता है।
  95. Decoder: यह एक डिवाइस (Device) है जो कम्प्यूटर को दिए गए डाटा या सूचनाओं को पढ़कर अपने आप उनके प्रोसेसिंग के लिए आदेश/निर्देश देता है।
  96. Dedicated Line: दो कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ने तथा डाटा एवं ध्वनि के ट्रांसफर के लिए एक विशेषीकृत टेलीफोन लाइन जिसे प्राइवेट या लीज्ड (Private or Leased) लाइन भी कहते हैं।
  97. Delete: किसी भी डाटा को किसी फाइल फोल्डर, डिस्क आदि से समाप्त करना ( अर्थात् हटाना) डिलीट कहलाता है।
  98. Default: पूर्व निर्धारित निर्देशों के अनुसार किसी प्रोग्राम अथवा कम्प्यूटर का क्रियान्वयन जब तक कि User (उपयागकर्ता) द्वारा अपने अनुसार बदल नहीं दिया जाए Default कहलाता है।
  99. Demodulation: यह एक प्रक्रिया है जिसमें मॉडुलेटेड (Modulated) संकेतों को माध्यम से अलग किया जाता है ताकि उसका पुनः उपयोग किया जा सके। यह Analog डाटा को Digital Data में परिवर्तित करता है।
  100. Desk Top: कम्प्यूटर को ऑन करने के तुरन्त बाद कम्प्यूटर स्क्रीन पर जो आउटपुट दिखाई देता हैं उसे Desk Top कहते हैं।

  

        Next : Computer Terminologies -2 (Coming Soon)  



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