June 26, 2023

Biography : Dr S R Ranganathan


            डॉ एस आर रंगनाथन (Dr S R Ranganathan) को कौन नहीं जानता है| पुस्तकालय विज्ञान में उनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है| इनका जन्म 12 अगस्त 1892 को तंजौर के सियाली गांव, तमिलनाडु में हुआ| किंतु कुछ किताबों में उनके जन्म की चर्चा 9 अगस्त 1892 की जाती है| इनका पूरा नाम सियाली रामामृत रंगनाथन था| 

            इनकी प्रारंभिक शिक्षा हिंदू हाई स्कूल में हुई| सइदापेट्ट के टीचर्स कॉलेज में अध्ययन कार्य किया| 1913 में इन्होंने मैथ्स से BA किया और 1916 में MA किया| 


अध्यापन कार्य

  • 1917 में गवर्नमेंट कॉलेज कोयंबतूर में उन्होंने अध्यापन कार्य शुरू किया|
  • 1921-22 में प्रेसिडेंसी कॉलेज मद्रास विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया|
  • 1924 में मद्रास विश्वविद्यालय के पहले पुस्तकालय अध्यक्ष बने|
  • 1925 में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन, ब्रिटेन में पुस्तकालय अध्यक्ष पद की योग्यता प्राप्त हेतु जाते हैं|
  • 1928 में पुस्तकालय विज्ञान के पांच सूत्रों का प्रतिपादन किया (मीनाक्षी कॉलेज अन्नामलाई नगर तमिलनाडु में)। 
  • 1924-44 तक मद्रास विश्वविद्यालय में पुस्तकालय अध्यक्ष रहे|
  • 1944-47 तक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पुस्तकालय अध्यक्ष रहे|
  • 1944-53 तक इंडियन लाइब्रेरी एसोसिएशन (ILA) के अध्यक्ष रहे|
  • 1947-54 तक दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़े रहे|
  • 1954-57 तक ज्यूरिक स्विजरलैंड के शोध कार्य में व्यस्त रहे|
  • 1957-59 तक विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में अतिथि प्राध्यापक रहे|
  • 1962 में DRTC (डॉक्यूमेंटेशन रिसर्च ट्रेनिंग सेंटर) की स्थापना बेंगलुरु में की जिसका उद्घाटन सीडी| देशमुख द्वारा किया गया और डॉ रंगनाथन इसके प्रमुख भी रहे| 
  • 1962 - Dr. S. R. Ranganathan was appointed as a National research professor of Library science
  • 1965 में भारत सरकार द्वारा शोध प्रोफ़सर नियुक्त किए गए|

प्रमुख पुस्तकें

  • 1931 - Five Laws Of Library Science 
  • 1933 - Colon Classification 
  • 1934 - Classified Catalogue Code 
  • 1935 - Library Administration 
  • 1937 - Prolegomena To Library Classification 
  • 1938 - Theory Of Library Catalogue 
  • 1940 - Reference Service And Bibliography 
  • 1945 - Elements Of Library Classification 
  • 1948 - Classification And International Documentation 
  • 1951 - Classification And Communication 
  • 1952 - Library Manual (भौतिक सत्यापन का विवरण)
  • 1955 - Headings And Canons 
  • 1961 - Reference Service 
  • 1963 - Documentation & Its Facets
  • 1966 - Library Book Selection 
  • 1969 - Canons Of Recall Value 
  • 1967 - Ramanujan: The Man And The Mathematician

Note: रंगनाथन की शुरुआती पुस्तकों का प्रकाशन MALA (Madras Library Association) द्वारा किया गया था|


उपाधियां

  • 1931 में लिब्रा एंड अर्थमैटिकस उपाधि मिली – ‘The Hindu’ अखबार के आलेख में रंगनाथन द्वारा स्वयं के लिए छद्म नाम (Pseudonym Name) का प्रयोग किया गया|
  • 1935 में राव साहब की उपाधि भारत सरकार द्वारा दी गई|
  • 1957 में पद्मश्री की उपाधि श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा दी गई| उसी दौरान मोरीस गवायर द्वारा जो दिल्ली विश्वविद्यालय में कुलपति थे ने रंगनाथन को "पुस्तकालय विज्ञान का जनक" और "प्रिंस अमाउंट द लाइब्रेरियन" कहा| 
  • 1965 में भारत सरकार द्वारा National Research Professor की उपाधि मिली|
  • 1970 में मारग्रेट  मान अवार्ड अमेरिकन लाइब्रेरी एसोसिएशन द्वारा दिया गया|
  • 1992 में भारत सरकार द्वारा IFLA के सम्मेलन में दिल्ली में रंगनाथन पर डाक टिकट (Postal Stamp) जारी की|
  • 1948 में डी लिट की उपाधि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा दी गई|
  • 1964 में डी लिट की उपाधि पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी द्वारा दी गयी|
    नोट: पहली बार लाइब्रेरी के साथ इंफॉर्मेशन शब्द का इस्तेमाल भी इसी वर्ष किया था|


रंगनाथन के जीवन से संबंधित अन्य मुख्य बिंदु

  1. 1992 में यूनेस्को द्वारा रंगनाथन के जन्मदिवस पर शताब्दी दिवस मनाया गया|
  2. 1992 में भारत सरकार द्वारा IFLA के सम्मेलन में दिल्ली में रंगनाथन पर डाक टिकट जारी की|
  3. विषय के रूप में लाइब्रेरी साइंस शब्द का प्रयोग करने वाले रंगनाथन सर्वप्रथम व्यक्ति थे, किन्तु लाइब्रेरी साइंस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1808 में मार्टिन स्ट्रेटिंगर ने अपनी पुस्तक में किया था|
  4. "लाइब्रेरियन डे" मनाने की घोषणा ALA द्वारा 12 अगस्त 1984 को रंगनाथन के जन्मदिन पर की गई|
  5. रंगनाथन के द्वारा लाइब्रेरियन डेवलपमेंट का प्लान तैयार किया गया था|
  6. रंगनाथन के गुरु का नाम एडवर्ड बी. रोस व  डब्ल्य सी सेयर्स था| 
  7. 1963 में रंगनाथन के द्वारा SRELS शारदा रंगनाथन इनडोलमेंट ऑफ लाइब्रेरी साइंस स्थापना की|
  8. 27 सितंबर 1972 को बेंगलुरु में डॉक्टर रंगनाथन की मृत्यु हुई| रंगनाथन ने अपने जीवन के 48 वर्ष पुस्तकालय  क्षेत्र में सेवा दी| 
  9. इन्हें भारतीय पुस्तकालय विज्ञान का जनक भी कहा जाता है| 
  10. 1962 में सुदूर जगहों पर पुस्तकालय सेवा पहुंचाने के लिए "Librachine" शब्द का प्रयोग किया और बाद में मोबाइल लाइब्रेरी के लिए "Library on Wheels" पद का प्रयोग किया|
  11. 1992 में "A Librarian Looks Back: An Autobiography of Dr. S. R. Ranganathan" इसका सम्पादन P N कौल द्वारा किया गया| 



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