राजस्थान अपनी कला व संस्कृति के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है | जिस तरह यहाँ भाषा, बोली, नृत्य, त्योंहारों आदि की एक अलग ही चमक है ठीक उसी प्रकार यहाँ के पशु मेले भी बहुत प्रसिद्ध हैं |
पशु मेलों का आयोजन राजस्व विभाग, अजमेर द्वारा किया जाता है |
राजस्थान में सर्वाधिक पशुओं का मेला वाला जिला : बाड़मेर
राजस्थान में न्यूनतम पशुओं का मेला वाला जिला : धौलपुर
राजस्थान में सर्वाधिक पशुओं का मेला वाला जिला : बाड़मेर
राजस्थान में न्यूनतम पशुओं का मेला वाला जिला : धौलपुर
नोट : पशु गणना हर 5 वर्षों में होती है |
1. श्रीबलदेव पशु मेला
यह मेला मेड़ता सिटी (नागौर) में आयोजित होता है। इस मेले का आयोजन चेत्र मास के सुदी पक्ष में होता हैं और नागौरी नस्ल के बैल से संबंधित है। यह मेला किसान नेता बलदेव राम मिर्धा की स्मृति में भरा जाता है |
2. श्री वीर तेजाजी पशु मेला
यह मेला परबतसर (नागौर) में आयोजित होता है। श्रावण पूर्णिमा से भाद्रपद अमावस्या तक चलता है। इस मेले से राज्य सरकार को सर्वाधिक आय होती है और आमदनी की दृष्टि से यह राजस्थान का सबसे बड़ा पशु मेला है | यह नागौरी बैलों के लिए प्रसिद्ध है |
3. रामदेव पशु मेला
यह मेला मानासर (नागौर) में आयोजित होता है। इस मेले का आयोजन मार्गशीर्ष माह में होता है। इस मेले में नागौरी किस्म के बैलों की सर्वाधिक बिक्री होती है। यही मनासार में लोकदेवता रामदेव जी का प्रसिद्ध मंदिर है |
4. गोमती सागर पशु मेला
यह मेला झालरापाटन (झालावाड़) में आयोजित होता है। इस मेले का आयोजन वैशाख माह में होता है। मालवी नस्ल की गौवंश से संबंधित है। यह पशु मेला हाडौती क्षेत्र का सबसे बडा पशु मेला है।
5. चन्द्रभागा पशु मेला
यह मेला झालरापाटन (झालावाड़) में कार्तिक माह में आयोजित होता है। मालवी नस्ल से संबंधित है। यह चन्द्र भागा नदी के किनारे भरा जाता है |
6. पुष्कर पशु मेला
इस मेले का आयोजन पुष्कर (अजमेर) में कार्तिक माह मे आयोजित होता हैं। गिर नस्ल से संबंधित है। इसके अलावा नागौरी गौवंश, बीकानेरी ऊंट तथा रैंडा नस्ल की गाय की खरीद फरोक्त भी की जाती है|
7. गोगामेड़ी पशु मेला
यह मेला नोहर (हनुमानगढ़) में आयोजित होता है। इस मेले का आयोजन भाद्रपद माह में होता है। हरियाणवी नस्ल की गौवंश से संबंधित है। राजस्थान का सबसे लम्बी अवधि तक चलने वाला पशु मेला है।
8. महाशिवरात्री पशु मेला
यह करौली मे फाल्गुन मास में आयोजित होता है। हरियाणवी नस्ल की गौवंश से संबंधित है।
9. जसवंत प्रदर्शनी एवं पुश मेला
इस मेले का आयोजन आश्विन मास में भरतपुर में किया जाता है। यह मेला हरियाणवी नस्ल की गौवंश से संबंधित है। यह मेला भरतपुर महाराजा जसवंत सिंह की स्मृति में भरा जाता है |
10. श्री मल्लीनाथ पशु मेला
इस मेले का आयोजन तिलवाडा (बाड़मेर) में होता है। यह मेला चैत्र कृष्ण ग्यारस से चैत्र शुक्ल ग्यारस तक लूनी नदी के तट पर आयोजित किया जाता है। थारपारकर (मुख्यतः) व काॅकरेज नस्ल की बिक्री होती है। देशी महीनों के अनुसार यह सबसे पहले आने वाला पशु मेला है।
11. बहरोड़ पशु मेला
यह मेला बहरोड (अलवर) में आयोजित होता है। यहाँ पर मुर्रा भैंस का व्यापार होता है।
12. सेवडिया पशु मेला
यह मेला रानीवाडा (जालौर) में आयोजित होता है। यह मेलाकाॅकरेज नस्ल की गौवंश से संबंधित है।
नोट : रानीवाड़ा राज्य की सबसे बडी दुग्ध डेयरी है व पथमेड़ा (जालौर) राज्य की सबसे बड़ी गौशाला है |
13. लुनियावास पशु मेला :
यह मेला लुनियावास (जयपुर) में भरा जाता है | यह मेला गधों से समन्धित मेला है जो शीतला अष्टमी को (चैत्र कृष्ण 8) खलकानी माता मंदिर के पास भावगढ़ नामक बाँध (बाणगंगा नदी) के किनारे आयोजित होता है | यह राजस्थान का सबसे बड़ा गधों का मेला है |
14. सोरसन पशु मेला : सोरसन (बारां)
15. बाबा रधुनाथपुरी पशु मेला : सांचैर (जालौर)
16. डीडवाना पशु मेला : डीडवाना (नागौर)
17. पाबोलाव पशु मेला : लाडनूं (नागौर)
18. आमेट पशु मेला : राजसमन्द
19. बाणगंगा पशु मेला : बैराठ / विराटनगर (जयपुर) [बैशाख पूर्णिमा के दिन ]
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