July 11, 2022

मन के वश से बाहर निकलो ! || Get out of Mind !

 


                        आप सभी के लिए एक और ऊर्जा से भरपूर कहानी जो आपको रुकने नहीं देगी | जिसमे आप जानेंगे की विराम जितना ठीक है उतना ही गलत भी है अगर उसके लगने के बारे में ज़रा भी अंदाजा न हो तो | इसलिए आज विराम/लगाम/विवेक जैसे भारी शब्दों का निचोड़ है ये कहानी | आएये जाने इसका सारांश: 


"विवेक नाम का एक लड़का था | उसको दौड़ने का बहुत शौक था | किन्तु यह शोक उसे शुरुआत तक ही रहता था थोड़ी ही देर बाद उसका मन उसे हारने पर विवश कर ही देता था | वैसे तो उसने कई मैराथन में हिस्सा लिया था |परंतु समस्या वही थी की वह किसी भी दौड़ को पूरा नही कर पाता था |

एक दिन उसने मन करके ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वह दौड़ पूरी जरूर करेगा | अगले दिन मैराथन की दौड़ शुरू हुई | विवेक ने भी दौड़ना शुरू किया | शुरुर में वह तेज दौड़ा किन्तु फिर धीरे धीरे सारे धावक आगे निकलते जा रहे थे | मगर अब विवेक थकने लगा था | और आखिर में मन हार मानी और वह रुक गया | पर जिद से जो ठाना था उसके तो आड़े मन को आना ही था | फिर भी उसने खुद से जिद की और तुरंत विकल्प ढूँढा और कहा अगर मैं दौड़ नही सकता तो कम से कम चल तो सकता हूँ | उसने ऐसा ही किया वह धीरे धीरे चलने लगा | 

उसने जो जिद की थी वो मन से की थी तो वह आगे तो बढ़ रहा था किन्तु बेमन के कारण थक भी रहा था |अब वह बहुत ज्यादा थक गया था और सहसा ही नीचे गिर पड़ा | फिर जिद की कि वह कैसे भी करके आज दौड़ को पूरी जरूर करेगा | वह जिद करके वापस उठा लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ने लगा और अंततः वह दौड़ पूरी कर गया |

उसने दौड़ में सबसे अंतिम स्थान पाया किन्तु वह इतना निराश नहीं था जीना वो अधूरी दौड़ करने से होता था | लेकिन आज उसका विश्वास चरम पर था क्योंकि आज से पहले उसने दौड़ को कभी पूरा ही नही किया था | वह इतना थक गया था की वहीँ जमीन पर गिर पड़ा था, क्योंकि उसके पैरों की मांसपेशियों में बहुत खिंचाव हो चुका था |"


                    दोस्तों हम भी तो इस तरह की गलती करते है हमारी जिंदगी में कभी भी अगर कोई परेशानी होती है तो उस काम को नही करते और छोड़ देते है | अगर आप एक विद्यार्थी हो तो आपको इस पर ज़रा ज्औयादा ध्रयान देना चाहिए | देखिये शुरुआत करने के लिए दिन या मुहूर्त नहीं होता बल्कि मन से जीतकर कठोरे होना होता है |

                    विवेक की कहानी से हमे यही सीखने को मिलता है कि अगर हम लगातार आगे बढ़ते रहे तो एक दिन हम हारकर भी जीत जाएंगे | छोटे छोटे कदम बढ़ाते जाओ और आगे बढ़ते जाओ यही सफलता का नियम है | अगर आपको भी ये प्रेरक कहानी अच्छी लगी हो तो कमेंट  के माध्यम से हमे जरूर बताएं |

                  मुझे आपके कमेंट्स का इन्तेजार रहेगा |

                                                                                                                                    धन्यवाद |



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