March 6, 2023

राजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था : स्थानीय स्वशासन

            जब राजस्थान की व्यवस्थाओं की बात की जाए तो इसकी प्रसासनिक व्यवस्थाओं की चर्चा करना भी अनिवार्य हो जाता है | आप जानते हैं की राजस्थान में 19 रियासतों में बाँटने के बावजूद भी कुछ पहलू ऐसे हैं जिससे विविधता में एकता हो दर्शाया है | 


राजस्थान में पंचायती राज

  • लार्ड रिपन ने 1882 ई. में  स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने के लिए कार्य किये अत: लार्ड रिपन को भारत में स्थनीय स्वशासन का जनक कहा जाता है।
  • सर्वप्रथम 1919 में बंगाल में स्थानीय सरकार अधिनियम 1919 पारित गया। उसके पश्यात सभी प्रांतों में अधिनियम पारित कर पंचायतों की स्थापना की गयी। 
  • राजस्थान की बीकानेर रियासत ने 1928 में सर्वप्रथम ग्राम पंचायतों को संवैधानिक दर्जा दिया। 
  • जयपुर रियासत में 1938 में ग्राम पंचायत अधिनियम लागू किया गया। 
  • भारतीय संविधान में अनुच्छेद 40 में पंचायती राज  को स्थान दिया गया है। 
  • गांधीजी की पुस्तक “माय पिक्चर ऑफ़ फ्री इंडिया” में भी पंचायती राज का जिक्र किया गया है। गांधीजी के अनुसार पंचायती राज गांवों के सर्वांगीण विकास का माध्यम है।  
  • भारत में 1951 में पहली बार ग्रामीण विकास मंत्रालय का गठन किया गया।  इसके अध्यक्ष एस. के. डे  थे।
  • के. एम. मुंशी कमेटी की सिफारिश पर 2 अक्टूबर 1952 से गाँवों में सामुदायिक विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किये गए।
  • कालांतर में सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उचित परिणाम नहीं निकलने की वजह से 1957  में बलवंत राय मेहता का गठन किया गया। जिसने इस कार्यक्रम की समीक्षा की। इस कमेटी की सिफारिश पर त्रिस्तरीय पंचायती राज ढांचे का जन्म हुआ और प्रंचायती राज का सर्वप्रथम प्राम्भ नागौर जिले के बगदरी गाँव ने 2 अक्टूबर 1959 को जवाहरलाल नेहरू ने किया। 
  • त्रिस्तरीय ढाँचे के अनुसार ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायतें, ब्लॉक स्तर  पर पंचायत समितियां एवं  जिला स्तर पर जिला परिषद् के गठन की बात कही गयी। 

अशोक मेहता समिति 

            अशोक मेहता समिति का गठन दिसम्बर, 1977 ई. में अशोक मेहता की अध्यक्षता में किया गया था। ‘बलवंत राय मेहता समिति’ की सिफ़ारिशों के आधार पर स्थापित पंचायती राज व्यवस्था में कई कमियाँ उत्पन्न हो गयी थीं, इन कमियों को ही दूर करने तथा सिफ़ारिश करने हेतु ‘अशोक मेहता समिति’ का गठन किया गया था।

  • पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा दिया जाये। 
  • ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति के मध्य मंडल पंचायत हो। 
  • पंचायतो के चुनाव राजनितिक चुनाव चिन्हों पर लड़ें जाये। 
  • जिला कलेक्टर से विकास कार्यों को अलग कर लिया जाये।

अशोक मेहता समिति की सिफ़ारिशों को अपर्याप्त माना गया और इसे अस्वीकार कर दिया गया।

>> आबू में प्रथम नगर पालिका 1864 में स्थापित की गयी |

>> ब्रिटिश शासनकाल में 30 दिसम्बर 1687 को ब्रिटिश सम्राट जोर्ज-II द्वारा जारी रॉयल चार्टर के तहत 29 सितम्बर 1688 को मद्रास नगर निगम का गठन हुआ | इसके प्रथम मेयर नेथेलियम हिगिन्सन बनाए गए | इसके सदस्यों को प्रारंभ में एल्डरमैंन कहा जाता था | 1919 में इनका पदनाम कोउन्सिलर्स कर दिया गया |

>> तीन प्रकार के नगरीय निकाय (243Q) : 74 वां संविधान संशोधन देशभर में निम्न त्रिस्तरीय नगर निकायों की व्यवस्था करता है - 

  • नगर पंचायत - ऐसे क्षेत्रों में जो ग्राम से नगर बनने की संक्रमंकालीन प्रक्रिया में हैं, नगर पंचायत (नाम चाहे कुछ भी हो ) का गठन किया जाएगा |
  • नगर परिषद् - नगर परिषद् का गठन छोटे नगरों में किया जाएगा |
  • नगर निगम - नगर निगम का गठन बड़े नगरों में किया जाएगा |


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