जैसा कि आप सभी जानते हैं कि राजस्थान पूरे भारत मे एक अनूठा जिला है। जिस तरह क्षेत्रफल में सबसे बड़े राज्य का स्थान प्राप्त कर न.1 पर है ठीक उसी प्रकार इसकी जलवायु (Jalvaayu) भी अपने आप मे एक अलग स्थान रखता है। यह कर्क रेखा के समीप होने के साथ साथ अरावली जैसे पर्वत होने के कारण अपने आप को अलग स्थान पर रख पाता है। इसका अरावली पर्वत भी उत्तर पूर्व से दक्षिण पश्चिम की तरफ फैला है|
यह भी देखें : राजस्थान की स्थिति एवं विस्तार, विश्व में जलवायु स्थिति, राजस्थान में ऋतुएं
कोपेन के अनुसार वर्गीकरण (Classification Based on Kopen)
कोपेन जर्मनी के विद्वान् थे इनके द्वारा अपना वर्गीकरण 1900 में प्रस्तुत किया गया | इनके वर्गीकरण का आधार वनस्पति, औसत तापमान, औसत वर्षा एवं ऋतुओं में होने वाला परिवर्तन | इन्होने वनस्पति को आधार मानकर जलवायु प्रदेशों को निर्धारित किया है जिन्हें अंग्रेजी वर्णमाला की A, B, C, D, E से प्रदर्शित किया |
कोपेन के अनुसार राजस्थान में चार प्रकार की जलवायु पायी जाती है :
(1) Aw (उष्ण कटिबंध शुष्क शीतकाल) - इसे "सवाना" प्रकार की जलवायु भी कहा जाता है | यह जलवायु प्रदेश राजस्थान में झालावाड़, कोटा, बारां, डूंगरपुर, बाँसवाड़ा, उदयपुर, प्रतापगढ़ जिले में दिखाई देता है |
(2) BWhw (शुष्क मरुस्थलीय जलवायु प्रदेश) - यह पश्चिमी राजस्थान में जैसलमेर, बीकानेर, गंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिले में दिखाई देता है |
(3) BShw (अर्धशुष्क जलवायु प्रदेश) - इसे "स्टेपी" प्रदेश भी कहा जाता है |राजस्थान में सर्वाधिक क्षेत्रफल में मिलता है विशेषकर बाड़मेर, जालौर, सिरोही, जोधपुर, पाली, नागौर, चुरू, सीकर, झुन्जुनु जिले में |
(4) Cwg (समशीतोष्ण शुष्क शीतकाल जलवायु प्रदेश) - इसे "गंगा तुल्य" जलवायु क्षेत्र भी कहते हैं | इसके अंतर्गत अलवर, धौलपुर, भरतपुर, जयपुर, दौसा, करौली, सवाईमाधोपुर, टोंक, बूंदी, अजमेर, भीलवाडा, चित्तोडगढ, कोटा, बारां एवं राजसमन्द जिले को शामिल किया जाता है |
थार्नवेट के अनुसार वर्गीकरण (Classification Based on Tharnvet)
- इसमें भी वनस्पति, आर्द्रता, तापमान एवं सूर्य की सांद्रता (Concentration) को शामिल किया गया है |
- इसके अनुसार आर्द्रता एवं तापमान सूचकांक को आधार मानते हे राजस्थान में निम्न जलवायु प्रदेश दिखाई देते हैं
- राजस्थान में इनके अनुसार चार जलवायु प्रदेश दिखाई देते हैं:
(2) DA'w (उष्णकटिबंधीय अर्धशुष्क जलवायु प्रदेश) - यह राजस्थान में सर्वाधिक क्षेत्रफल में मिलता है विशेषकर बाड़मेर का पूर्वी भाग, जालौर, सिरोही, उदयपुर, राजसमन्द, पाली जोधपुर, नागौर, चुरू, जयपुर, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, दौसा, करौली, सवाईमाधोपुर, टोंक, बूंदी, भीलवाडा, चित्तौड़गढ़, अजमेर, सीकर एवं झुंझुनू का दक्षिणी भाग |
(3) DB'w (मध्य तापीय अर्धशुष्क जलवायु प्रदेश) - गंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू, सीकर, झुंझुनू व बीकानेर का पूर्वी भाग भी शामिल है |
(4) CA'w (उष्णकटिबंधीय उपार्द्र जलवायु प्रदेश) - झालावाड, कोटा, बारां, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ एवं उदयपुर का दक्षिणी भाग आता है |
जलवायु का सामान्य वर्गीकरण (Climate Normal Classification)
यह तापमान एवं वर्षा की मात्रा पर निर्भर है व निम्न रूपों में दिखाई देता है -
(1) शुष्क प्रदेश
- 25 सेंटीमीटर से कम वर्षा वाला भाग
- यहाँ ग्रीष्म ऋतू में तापमान 45 से 49 डिग्री सेल्सियस व शीत ऋतु में 8 से 0 डिग्री सेल्सियस तक रहता है |
- शामिल क्षेत्र = जैसलमेर, बाड़मेर एवं बीकानेर जिला
- 25 से 45 सेंटीमीटर के मध्य वर्षा वाला भाग
- यहाँ ग्रीष्म ऋतू में तापमान 36 से 42 डिग्री सेल्सियस व शीत ऋतु में 10 से 17 डिग्री सेल्सियस तक रहता है |
- 50 से 75 सेंटीमीटर वर्षा वाला भाग
- यहाँ ग्रीष्म ऋतू में तापमान 32 से 34 डिग्री सेल्सियस व शीत ऋतु में 12 से 18 डिग्री सेल्सियस तक रहता है |
- शामिल क्षेत्र = अलवर, भरतपुर, धौलपुर, सवाईमाधोपुर, टोंक, बूंदी, राजसमन्द व चित्तौडगढ जिले का उत्तरी भाग |
- 75 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा वाला भाग
- जैसलमेर, बाड़मेर एवं बीकानेर जिले में
- इसमें मानसून, सर्वाधिक सक्रीय होता है | यहाँ ग्रीष्म ऋतू में तापमान 32 से 34 डिग्री सेल्सियस व शीत ऋतु में 12 से 18 डिग्री सेल्सियस तक रहता है
- शामिल क्षेत्र = कोटा, बारां, झालावाड, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, सिरोही, उदयपुर व चित्तौडगढ़ जिले का दक्षिणी भाग |
राजस्थान की जलवायु (ऋतुएं) हेतु यहाँ क्लिक करें : Click Here
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