अक्सर सरकार अपने वर्षीय बजट में राज्य के हित हेतु कोई न कोई योजना लागू करने की घोषणा करती है। इस तरहं के कार्य क्षेत्रानुसार होते हैं, इसीलिए इस योजना के बारे में जाने उससे पहले यह जान लें की यह योजना किन किन क्षेत्रों हेतु है और क्षेत्रों से जुडी कुछ अन्य विशेषताएं भी।
ईसरदा बांध : ईसरदा बाँध भारतीय राज्य राजस्थान के टोंक जिले में एक निर्माणाधीन बाँध परियोजना है।
दौसा : राजस्थान का एक जिला है जिसके चारों और जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर जिलों की सीमा लगती है। इस जिले का क्षेत्रफल 3432 वर्ग किमी है।
2020 के कोरोना महामारी के कारण बाकी सब कामों की तरह इसमें देरी हो गयी है इसे जुलाई 2024 तक पूर्ण करने की आशंका जताई जा रही है।
वर्तमान समय मे पेयजल की स्थिति
जिला मुख्यालय पर करीब 40 प्रतिशत हिस्सा वर्तमान में जलदाय विभाग की पेयजल सप्लाई से वंचित है। किन्तु पेयजल योजना के पूरे होने पर पूरा शहर में पाइप लाइनों से कवर हो जाएगा और पानी की व्यवस्था काफी बेहतर हो जायेगी। मात्र ईसरदा प्रोजेक्ट के पूरा होने पर ही दौसा को पर्याप्त पेयजल मिलने की उम्मीद है।
इन दिनों लोगों को नलों से 5-6 दिन में एक बार 30-40 मिनट ही पानी मिल रहा है। जब इससे पूर्ती नहीं हो रही तो लोगों को टैंकरों व कैम्परों पर निर्भर रहना पड़ता है।
योजना से होगा लाभ
इस योजना के कारण यहां के लोगों को ईसरदा का पानी मुहैया हो सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने राज्य निधि से ईसरदा-दौसा पेयजल परियोजना को पूरा करने की मंजूरी दे दी है। इसके तहत पेयजल समस्या से ग्रस्त दौसा और सवाई माधोपुर जिलों के 6 कस्बों एवं 1256 गांवों को पेयजल आपूर्ति के लिए जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में केन्द्र सरकार की ओर से उपलब्ध राशि के अतिरिक्त शेष राशि राज्य निधि से उपलब्ध करवाकर इस परियोजना का कार्य शीघ्र शुरू किया जा सकेगा।
सवाई माधोपुर और दौसा के छह शहरों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 2019 के राज्य के बजट में परियोजना की घोषणा की गई थी। इस पेयजल परियोजना पूरी होने के बाद दौसा के औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी।
राज्य सरकार की मुहर
अप्रैल 2021 में, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की कि राज्य सरकार एक कैबिनेट बैठक में इसरदा-दौसा जल परियोजना के ऋण योग्य घटक को निधि देगी। यह कदम वित्तीय एजेंसी से 1,333 करोड़ रुपये के ऋण की खरीद में देरी के बाद आया है, जिससे पूरी परियोजना में देरी हो रही है।
ईसरदा-दौसा वृहद पेयजल परियोजना के तहत आने वाले क्षेत्र के गांवों में सतही जल स्त्रोत ईसरदा बांध से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।
- इस परियोजना में 1,256 गांव शामिल होंगे।
- इस परियोजना को 1,368 करोड़ रुपये के केंद्रीय कोष (जल जीवन मिशन) द्वारा वित्त पोषित किया जाना है, एजेंस फ्रैंकाइस डी डेवलपमेंट (एएफडी) से 1,356 करोड़ रुपये के ऋण योग्य कोष के राज्य कोष (ग्रामीण और शहरी विभाग) द्वारा वित्त पोषित किया जाना है।
यह निर्णय लिया गया कि एएफडी से निधि के आवंटन में देरी के कारण परियोजना में तेजी लाने के लिए राज्य कोषागार निधि का वित्त पोषण करेगा।
2024 में कार्य पूरा करने का रखा लक्ष्य
ईसरदा-दौसा वृहद पेयजल परियोजना के तहत आने वाले क्षेत्र के गांवों में सतही जल स्त्रोत ईसरदा बांध से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। परियोजना के मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर, क्लस्टर वितरण प्रणाली एवं ग्राम वितरण प्रणाली के प्रस्तावित कार्य दिसम्बर 2021 से प्रारम्भ कर जुलाई 2024 तक पूर्ण कराने का लक्ष्य तय किया गया है।
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