September 8, 2022

राजस्थान की महत्वपूर्ण हवेलियां

            राजस्थान का इतिहास जैसे शौर्य गाथा से भरा हुआ है वैसे ही स्थापत्य कला में भी कभी भी विषय कम नहीं आंका गया है | पुराने समय में राजस्थान में राजा, बड़े सेठ साहूकार तथा धनी व्यक्ति अपने आवास या निवास के हवेलियों का निर्माण करवाते थे। ये हवेलियाँ बहुत ही भव्य एवं आरामदायक होती थी। इन हवेलियों की स्थापत्य कला आज भी देखते ही बनती है।


            शेखावाटी क्षेत्र की हवेलियाँ असाधारण रूप से बहुत ही भव्य और आकर्षक हैं। जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर और शेखावाटी के रामगढ़, मंडावा, पिलानी, सरदारशहर, रतनगढ़, नवलगढ़ आदि शहरों में बची हुई विशाल हवेलियां वास्तव में अपनी इंजीनियरिंग की बेहतरीन मिसाल पेश करती हैं। राजस्थान की हवेलियाँ अपने छज्जो की कलाओं, बरामदे और झरोखों पर अंतहीन बारीक नक्काशी के लिए प्रसिद्ध हैं।

राजस्थान की प्रमुख हवेलियाँ :

1. बागोर / बागरा  हवेली - उदयपुर
            यह हवेलि पिछौला झील के किनारे बनी हुई है | इसमें पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र (लोक कलाओं के पुनरुत्थान हेतु) स्थित है जिसकी स्थापना 1986 में हुई थी। इसका निर्माण मेवाड़ के प्रधानमंत्री श्री अमरचंद बडवा द्वारा 1751-1778 ई. में करवाया गया |

2. मोहन जी की हवेली - उदयपुर

3. पटवों की हवेली - जैसलमेर
            एक सेठ गुमानचन्द बापना पटुआ के पांच पुत्रों द्वारा 18 वीं सदी के उत्तरार्द्ध में बनवाया | जिसका निर्माण कार्य 50 वर्षों में पूर्ण हुआ |

4. बडे़ मियां की हवेली - जैसलमेर

5. नथमल की हवेली - जैसलमेर
            जैसलमेर राज्य के प्रधानमंत्री नथमलजी द्वारा 19वीं शताब्दी में निर्माण करवाया गया | इसकी कठोर पाषाण में कोमल काशिदाकारी के कारण नक्काशी की दक्षता दर्शनीय है |


6. सालिम सिंह की हवेली - जैसलमेर
            जैसलमेर राज्य के दीवान / प्रधानमंत्री सालिम सिंह ने 1815 ई. में करवाया था। इसे 9 खंडों की हवेली भी कहते है व इसका उपनाम "मोती महल" भी है | 6 मंजिला भवन पर 
सुपरिष्कृत अलंकरण है |

7. पुश्य हवेली - जोधपुर

8. पच्चीसा हवेली - जोधपुर

9. सुनहरी कोठी - टोंक
            यह कोठी बड़ा कुवां के पास नजर बाग़ में स्थित है | यह सोने व कांच की झाल से निर्मित है | 

            1824 में नवाब वजिउद्दौला खां द्वारा निर्माण करवाया गया | उस समय  इसका नाम "शीशमहल" था क्योंकि इसमें रंगीन शीशों का कार्य करवाया गया था |
            1867-85 में इस रियासत के चौथे नवाब इब्राहिम अली खां द्वारा पच्चिदाकारी का काम करवाया गया | इससे पहले इसका नाम "जरनिगार" था |

10. नाथूराम पोद्दार की हवेली - बिसाऊ (झुंझुनूं)

11. सेठ जयदयाल केडिया की हवेली - बिसाऊ (झुंझुनूं)

12. मण्डावा की हवेलीयाँ - झुंझुनूं
            शेखावाटी क्षेत्र की ये हवेलियाँ भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं | जिनमें मुख्य रूप से सागरमल लाठिया, रामदेव चौखानी व रामनाथ गोयनका की हवेलियाँ प्रसिद्ध हैं |

13. सोने – चांदी की हवेली - महनसर (झुंझुनूं)

14. ईसरदास मोदी की हवेली - झुंझुनूं

15. पोद्दार और भगरिया की हवेलियां - नवलगढ़ (झुंझुनूं)

16. भगतों की हवेली - नवलगढ (झुंझुनूं)

17. सुराणों की हवेलियां - चुरू

18. रामविलास गोयनका की हवेली - चुरू

19. मंत्रियों की मोटी हवेली - चुरू

20. दानचंद चौपडा की हवेलि - सुजानगढ़ (चुरू)

21. बिनाणियों की हवेली - सीकर

22. पंसारियों की हवेली - सीकर

23. पुरोहित जी की हवेली - जयपुर

24. रत्नाकर पुण्डरिक भट्ट की हवेली - जयपुर

25. चाँद बावड़ी - आभानेरी (दौसा)

26. बच्छावतों की हवेली - बीकानेर
            16 वीं सदी के उत्तरार्द्ध में कर्णसिंह बच्छावत ने इसका निर्माण करवाया था |


नोट : आमेर की हवेलियों को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल नहीं किया | किन्तु चितौडगढ़ किला, जन्तर मंतर वेधशाला, कुम्भलगढ़ का किला को शामिल कर लिया गया है |

Read Also:



No comments:

Post a Comment

Share your feedback with us.

Latest Post

Sports and Their Parameters